किसी ने ठीक ही कहा है नेक नीयत हो तो, मंजिल मिल ही जाती है। इसी राह पर चलकर एक पूर्व फौजी ने गरीब बच्चों के लिए नि:शुल्क कोचिंग सेंटर की शुरुआत की, जिसमें आर्मी और पुलिस की भर्ती के लिए बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है शुरुआत में चंद बच्चों के साथ शुरू हुआ ट्रेनिंग सेंटर अब बड़ा केंद्र बन चुका है. इस ट्रेनिंग सेंटर से कई बच्चे ट्रेनिंग पाकर आर्मी और पुलिस में भर्ती भी हो चुके हैं।
आपको बता दें कि इंडियन आर्मी से सूबेदार की पोस्ट से रिटायर्ड होकर पूर्व फौजी राजकुमार सिंधु ने बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए अपनी खाली पड़ी जमीन पर ट्रेनिंग सेंटर बनाया। शुरुआत में बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग देकर उन्हें सरकारी नौकरी की भर्ती के लायक बनाया गया जब बच्चों की तादाद बढ़ने लगी तो फौजी को और ट्रेनर की व्यवस्था करनी पड़ी, जिसके लिए बच्चों को मनमर्जी शुल्क देने और गरीब अहसाय बच्चों को निःशुल्क ट्रेनिंग का सिसिला जारी रहा इस ट्रेनिंग सेंटर से अभी तक 25 बच्चे ट्रेनिंग लेकर पुलिस, सीआरपीएफ और इंडियन आर्मी में भर्ती हो चुके हैं वहीं सैकड़ो बच्चें बहुत कम खर्च पर यहां से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं।
लॉकडाउन खुलने के बाद एकेडमी को फिर दोबारा से शुरू किया गया इस एकेडमी से ट्रेनिंग लेकर 25 बच्चे विभिन्न सरकारी नौकरियों में भर्ती हुए पूर्व फौजी राजकुमार बताते हैं कि जब बच्चा कामयाब होता है तो, उनकी मेहनत सफल होती है फौज से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर खोलने और गरीब बच्चों को ट्रेनिंग देने का मन बनाया था उनके दोनों बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर रहते हैं वह फौज से रिटायर्ड होने के बाद अकेले पड़ गए थे इसके साथ ही उनके पास फौज की ट्रेनिंग का ज्ञान था इसीलिए उन्होंने ये कदम उठाया, जिससे क्षेत्र के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो रहा है उन्हें ये काम करके बेहद गर्व महसूस हो रहा है राजकुमार ने बताया कि एकेडमी में अभी तक करीब 250 छात्रों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. ये ट्रेनिंग करीब 4 माह की होती है बाकी बच्चों के ऊपर होता है कि वो कितने दिनों में सीख सकता है एकेडमी में दिल्ली, मेरठ, राजस्थान, सहारनपुर, तेलंगाना, कर्नाटक और अन्य राज्यों से छात्र ट्रेनिंग के लिए आते हैं। ट्रेनिंग का समय सुबह 5:30 से 7:30 और शाम 4:00 बजे से 6:30 होता है ट्रेनिंग में 1600 मीटर की रनिंग आर्मी के लिए और पुलिस के लिए 3 किलोमीटर की होती है। इसी के साथ ट्रेनिंग में पुश अप टेस्ट होते हैं साथ ही पुल अप, सेटअप व अन्य चीजें होती हैं सुबह ट्रेनिंग के बाद छात्र अपनी परेड करते हैं छात्रों की पढ़ाई के लिए क्लास रूम बनाए गए हैं वहीं छात्रों के लिए खाना बनाने के लिए एक व्यक्ति को रखा हुआ है।