हरिद्वार जनपद के लक्सर में लंपी वायरस लक्सर में कहर बरपा रहा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 22 पशुओं की मौत के बाद भी पशुपालन विभाग द्वारा बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है आलम ये है कि लंपी बीमारी से ग्रसित पशुओं की मौत के बाद ग्रामीणों ने खुले में ही पशुओं के शवों को फेंकना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि लक्सर क्षेत्र में लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है लक्सर तहसील के रायसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा पशुओं की मौत हो रही है लक्सर हरिद्वार रोड स्थित सुल्तानपुर गांव से पहले सड़क किनारे मृत पशुओं के शवों से आवाजाही करने वाले लोगों को तो परेशानी उठानी ही पड़ रही है बल्कि आसपास के इलाके में और भी ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है दूसरी ओर पशुपालन विभाग के पास लंपी वायरस की रोकथाम के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है ग्रामीणों का आरोप है कि बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशुपालन विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। लक्सर सुल्तानपुर गांव निवासी गोपाल राम बिनवाल के मुताबिक लंपी वायरस की रोकथाम के लिए लक्सर क्षेत्र के पशु चिकित्सा अधिकारियों के पास ना तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही पर्याप्त दवाएं हैं स्टाफ और दवाओं की पूर्ति के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिख दिया गया है दूसरी ओर सड़कों के किनारे मृत पशुओं के पाए जाने के सवाल पर एसडीएम गोपाल राम बेनीवाल ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
आपको बता दे लंपी स्किन रोग वायरस की वजह से तेजी से फैलता है यह एक संक्रामक रोग है लंपी स्किन रोग कमजोर इम्यूनिटी वाली गायों को जल्द प्रभावित करता है इस रोग का कोई ठोस इलाज न होने के चलते सिर्फ वैक्सीन के द्वारा ही इस रोग पर नियंत्रण और रोकथाम की जा सकती है।