उत्तराखंड के धर्मनगरी हरिद्वार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम दिखाई दी। यहां के प्राचीन मठों, मंदिरों और आश्रमों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कोरोना के 2 साल के बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ऐसी रौनक देखने को मिली है। हरिद्वार के कनखल स्थित बड़ा उदासीन अखाड़े के परिसर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कई झांकियां पेश की गईं।
कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक झांकियां पेश की गईं इन झांकियों में भगवान श्रीकृष्ण के प्रमुख जीवन चरित्रों को दर्शाया गया है बड़ा उदासीन अखाड़े को इस दौरान भव्य तरीके से सजाया गया साधु संतों में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर उत्साह देखा गया। वहीं बड़ा अखाड़ा के कोठारी महंत दामोदर दास ने बताया कि 2 साल बाद कोरोना के बाद जन्माष्टमी का आयोजन अखाड़े में किया गया है जिसको लेकर सभी बहुत ही उत्साहित रहे. वहीं लोग भी बड़े ही चाव से अपने घरों से निकलकर जन्माष्टमी देखने अखाड़े में आए हम भगवान श्रीकृष्ण से बस यही प्रार्थना करेंगे कि वह इसी तरह अपना आशीर्वाद सब पर बनाए रखें। जन्माष्टमी वैसे तो हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है लेकिन इस बार जन्माष्टमी की सही तिथि को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बनी रही. ऐसे में कहीं 18 अगस्त तो जन्माष्टमी मनायी गई. कहीं 19 अगस्त को यानी आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि में हुआ था. ऐसे में इस साल अष्टमी तिथि आज यानी 19 अगस्त को पड़ रही है इस कारण जन्माष्टमी आज मनाई जा रही है मथुरा और वृंदावन में 19 अगस्त यानी आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है।