प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार के सरकारी अस्पताल में इलाज कराना इन दिनों बेहद मुश्किल हो गया है सबसे पहले तो मरीज को जिला हॉस्पिटल में लगी लंबी लाइन में पर्ची बनवाने के लिए खड़ा होना होगा जिसमें घंटों बाद नंबर आ रहा है उसके बाद डॉक्टर को दिखाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है इतना ही नहीं अस्पताल में दवाएं मौजूद नहीं हैं दवाई बाहर से लेने को कहा जा रहा है।
जब हरिद्वार के सीएमएस डॉ चंदन मिश्रा से हॉस्पिटल के बाहर लगी लंबी लाइन और डॉक्टरों के न होने की जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि आमतौर पर सोमवार से लेकर बुधवार तक 300 से 400 मरीज प्रतिदिन हॉस्पिटल में आते हैं लेकिन बुधवार के बाद इनकी संख्या घट जाती है वहीं डॉ. मिश्रा ने मरीजों की ज्यादा संख्या का कारण वायरल सीजन का होना बताया उनका कहना था कि वायरल होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीज ज्यादा हैं। इसके साथ ही अस्पताल में डेंगू के लिए भी एक वार्ड सुनिश्चित किया गया है राहत की बात ये है कि अभी तक टेस्टिंग में कोई डेंगू पॉजिटिव नहीं आया है। वहीं डॉक्टरों की कमी को लेकर डॉ चंदन मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में केवल एक सर्जन की कमी है जिसके लिए हमने मुख्यालय में पत्र भेजा हुआ है जल्दी उस पद की भी पूर्ति की जाएगी हालांकि अस्पताल प्रशासन से इतर इलाज कराने आ रहे मरीज बेहद परेशान हैं लंबी लाइनों में लगकर पर्चा बनवाने के लिए लगे हैं और उसके बाद भी उनको डॉक्टर नहीं मिल रहे अपने बच्चे का इलाज कराने आए एक मरीज का कहना है कि वो दो घंटे से डॉक्टर के इंतजार में बैठे हैं लेकिन डॉक्टर अपने केबिन में ही नहीं हैं. उनको बताया गया है कि डॉक्टर किसी कारणवश बाहर गए हुए हैं जल्दी आएंगे लेकिन कब आएंगे यह कोई नहीं बता रहा है।