उत्तराखंड के हरिद्वार में मूसलाधार बारिश से नदी के तेज बहाव में बहकर अपने झुंड से बिछड़े शिशु गजराज को राजाजी पार्क प्रशासन ने अपने पास रख लिया है। इसे चीला स्थित हाथी कैंप में रखा गया है इतना ही नहीं पार्क प्रशासन ने इसका नामकरण भी कर दिया है। जिसकी अच्छे से देखभाल की जा रही है।
दरअसल बीते दिनों भारी बारिश के चलते गजराजों का एक झुंड रवासन नदी के तेज बहाव में फंस गया। पानी का वेग इतना तेज था कि झुंड में शामिल डेढ़ माह का शिशु गजराज इसमें बह गया जो बहते-बहते काफी दूर हरिद्वार वन प्रभाग की रसियाबड़ रेंज तक पहुंच गया जिसका वनकर्मियों ने कड़ी मेहनत के बाद रेस्क्यू तो कर लिया। लेकिन इसे वापस इसके झुंड से नहीं मिला सके.हरिद्वार वन प्रभाग की कई टीमों ने फुट सर्च एवं ड्रोन के जरिए झुंड को काफी तलाशा लेकिन नाकामी हाथ लगी. जिसके बाद बीती देर शाम सारे प्रयास विफल हो जाने के बाद इस शिशु गजराज को राजाजी पार्क प्रशासन को सौंप दिया गया है चीला स्थित हाथी कैंप में इसके आने से खुशी का माहौल है। यहां पहले से ही राधा, रंगीली, रानी, सुल्तान, जॉनी व राजा का पालन पोषण किया जा रहा है। वहीं अब इस शिशु गजराज के आने से यहां हाथियों की संख्या भी बढ़ गई है. इतना ही नहीं इसका नामकरण भी कर दिया गया है. चीला रेंज अधिकारी अनिल पैन्यूली के अनुसार अपने नसीब से ही ये इस आपदा में बच पाया है इसलिए इसका नाम नसीब रखा गया है। उम्मीद है कि भविष्य में नसीब भी अन्य गजराजों की तरह राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।