जिला महिला अस्पताल में सोमवार को एक आस्थावान प्रसूता प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर प्रसव की जिद पर अड़ गई। दर्द सहते हुए उन्होंने 12 बजे तक इंतजार किया। इसके बाद ऑपरेशन के जरिए कन्या को जन्म दिया। जिला महिला अस्पताल में सोमवार को कुल चार बच्चों का जन्म हुआ।
जानकारी के अनुसार को सोमवार सुबह जिला महिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा के साथ रायपुर रायघाटी निवासी रूबी पहुंचीं। चिकित्सकों ने जरूरी जांच के बाद सीजेरियन की सलाह दी। इस पर महिला जिद पर अड़ गई कि वह 12 बजे के बाद श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर ही प्रसव कराएगी। पति राहुल ने भी उसका साथ दिया। रूबी ने दर्द सहते हुए 12 बजे तक इंतजार किया। इसके बाद डॉ. यशपाल तोमर की टीम रूबी को ऑपरेशन थियेटर में ले गई और प्रसव कराया। रूबी ने कन्या को जन्म दिया। पति राहुल तत्काल बाहर जाकर मिष्ठान लेकर आया और पूरे स्टाफ के साथ अन्य तीमारदारों और प्रसूताओं में बांटा। इसके अलावा महिला अस्पताल में तड़के बहादुरपुर जट निवासी पूजा पत्नी अतुल ने बच्चे को बिना ऑपरेशन जन्म दिया। उमा पत्नी अमित निवासी हरिद्वार का भी पहला बेटा शुभ मुहूर्त में जन्मा। ज्वालापुर निवासी इमरान की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। हिमांशु कीर्ति हॉस्पिटल में हरिद्वार निवासी प्रीति पत्नी नरेंद्र कुमार ने बेटे को जन्म दिया। संजीवनी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विशाल वर्मा ने बताया कि उनके यहां कुल दो प्रसव हुए। इनमें रीना पत्नी हरपाल निवासी अजीतपुर और कसक पत्नी अभिनव निवासी धीरवाली जवालापुर का सुरक्षित प्रसव कराया गया। जिला और मेला अस्पताल में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन सन्नाटा पसरा रहा। सोमवार को दोनों अस्पतालों में केवल 45 मरीज पहुंचे। अन्य दिनों में 400 का आंकड़ा पार हो जाता है। यही स्थिति अल्ट्रासाउंड की भी रही। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ़ सीपी त्रिपाठी का कहना है कि सोमवार को 40 मरीज अस्पताल आए। अल्ट्रासाउंड भी 70 से अधिक होते थे, लेकिन 10 मरीज ही आए। मेला अस्पताल के सीएमएस डॉ़ राजेश गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में केवल 10 मरीज और अल्ट्रासाउंड कराने सिर्फ एक मरीज आया।