प्रत्याशियों ने चुनाव में कितना, कब और क्या खर्च किया इसका अनुमान निर्वाचन कार्यालय हरिद्वार नहीं लगा पा रहा है। हालत यह है कि निर्वाचन को सकुशल संपन्न कराने पहुंचीं व्यय प्रेक्षक स्वाति शिवम पहले तो नोटिस जारी करती हैं। इस पर जवाब नहीं मिला तो उन्होंने उन्हीं तिथियों का हवाला देते हुए बसपा प्रत्याशी जमील अहमद समेत एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी के प्रचार वाहन की अनुमति को भी छीन लिया। एक निर्दलीय को उन्होंने तीन दिन में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है।
लोकसभा सामान्य निर्वाचन के लिए वाणिज्य विभाग से वरिष्ठ आईआरएस स्वाति शिवम को व्यय प्रेक्षक के रूप में जिले की लोकसभा चुनाव के दौरान व्यय पर निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने भेजा है। बीते दिनों व्यय प्रेक्षक ने तीन प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया था। इसी नोटिस का जवाब न देना बसपा प्रत्याशी जमील अहमद समेत एक अन्य पर भारी पड़ गया। वहीं एक अन्य निर्दलीय को उन्होंने तीन दिन का समय दिया है। व्यय प्रेक्षक ने अपने जारी आदेश में बसपा प्रत्याशी के लिए कहा है कि लेखा मिलान के लिए बैठक में न तो प्रत्याशी खुद उपस्थित हुए और न ही प्रतिनिधि को भेजा। यही नहीं तीन अप्रैल के भेजे गए नोटिस का बसपा प्रत्याशी ने जवाब भी नहीं दिया। इस दशा में व्यय प्रेक्षक ने स्पष्ट निर्देश इन शब्दों में दिया है, ‘निर्वाचन के दौरान प्रचार हेतु वाहन प्रयोग की समस्त अनुमतियों को निरस्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय दंड सहिता की धारा 171 के अधीन सक्षम न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जिसका समस्त उत्तरदायित्य आपका स्वयं का होगा।’ वहीं निर्दलीय प्रत्याश हुसैन के वाहन आदि की अनुमति हो व्यय प्रेक्षक ने निरस्त कर दिया। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी पवन कश्यप को तीन दिन के अंदर जवाब नहीं देने पर सक्षम न्यायालय में उपस्थित होने और कार्रवाई के लिए चेतावनी दी गई है।