हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल ही में आयोजित धर्म संसद में शामिल वक्ताओं की ओर से “Hate speech conclave” को लेकर हर ओर निंदा की जा रही है। वहीं, एसपी सिटी शेखर सुयाल ने कहा कि हरिद्वार में धर्म संसद में कथित अभद्र भाषा के संबंध में प्राथमिकी में 2 और लोगों का नाम लिया गया है। इस दौरान पुलिस ने हेट स्पीच मामले में धर्म दास और एक महिला अन्नपूर्णा को नामजद किया है।
दरअसल, एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयानों को लेकर विवादों में आई धर्म संसद को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। वहीं, अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने माना कि जिस तरह की बयानबाज़ी हुई, संत महात्माओं ने उत्तेजना में इस तरह की बातें की हैं. ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाना उचित नहीं था। पुरी ने कहा कि संतों की ओर से मैं माफी मांगता हूं। दूसरी ओर इस पूरे विवाद में मुख्य रूप से चर्चा में आ रहे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के तेवर अब भी काफी गर्म नज़र आ रहे हैं। गौरतलब है कि इस बीच, धर्म संसद के एक सहभागी आनंद स्वरूप ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि हम अपने उन बयानों पर कायम हैं जो सुविचारित हैं। यदि कोई व्यक्ति हमारी बहन का बलात्कार करता है, तो क्या हम उसे मार नहीं देंगे? वक्ताओं ने ऐसे व्यक्तियों को मारने की बात की, सामान्य मुसलमानों की नहीं, जोकि हमारे दोस्त हैं। ऐसे में भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।
आपको बता दें, धर्म संसद आयोजित कराने वाले महामंडलेश्वर नरसिंहानंद ने हरिद्वार के एक आश्रम पहुंचने पर मीडियाकर्मी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब एक विश्व धर्म संसद आयोजित की जाएगी। नरसिंहानंद ने प्रियंका गांधी के ट्वीट पर महात्मा गांधी पर भी अभद्र टिप्पणी की और गांधी परिवार को हिंदुओं के साथ गद्दारी करने वाली बात कही। नरसिंहानंद ने वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र त्यागी पर दर्ज हुए मुकदमे को भी गलत ठहराया। हरिद्वार पुलिस ने वसीम रिजवी के बाद भड़काऊ भाषण देने के आरोप में धर्मदास और माता अन्नपूर्णा पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। भड़काऊ भाषण देने की शिकायत पर 2 दिन पहले नगर कोतवाली पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी पर 153a के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, अब इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच करते हुए वीडियो के आधार पर दो नाम बढ़ाए गए हैं, आगे और भी नाम केस में जुड़ सकते हैं।