हरिद्वार जिले के गंग नहर कोतवाली क्षेत्र स्थित माधोपुर में युवक की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस मुख्यालय में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस मामले को लेकर देर शाम उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी वार्ता करने भी पहुंचा। एडीजी कानून व्यवस्था से वार्ता करने के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि हरिद्वार जिले में घटी घटना दर्दनाक है। यह जाहिर हो चुका है कि पुलिस से अब जनता का विश्वास उठ चुका है। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में हत्या, गैंगरेप, बलात्कार, डकैती जैसी आपराधिक घटनाएं बढ़ गई हैं। अपराधियों में खौफ नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। सरकार बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। यशपाल आर्य ने कहा कि हरिद्वार के सोहलपुर का निवासी 22 वर्षीय वसीम जिम ट्रेनर और संचालक था। उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी। वहां के सामाजिक कार्यकर्ता और विधायक साफ तौर पर कह रहे हैं कि साजिशन उस पर झूठे आरोप लगाकर तालाब में धकेल दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। जब उसका शव तालाब से बाहर निकाला गया तो उसके शरीर पर चोटों के निशान थे। यशपाल आर्य का कहना है कि सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या की गई है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर को बदलने की मांग उठाई है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। प्रतिनिधि मंडल में मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाती, ज्वालापुर से विधायक रवि बहादुर, हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपम रावत और लक्सर से बसपा विधायक शहजाद अहमद शामिल रहे।