हरिद्वार जनपद के लक्सर में भाइयों के बीच हुए विवाद के चलते कोतवाली लाए गए व्यक्ति ने नशे की हालत में गले में फंदा लगाकर अपनी जान देने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद हेड कांस्टेबल की सूझबूझ से व्यक्ति की जान बच सकी। पुलिस अधिकारियों ने हेड कांस्टेबल की सराहना करते हुए उसका नाम प्रधानमंत्री जीवन रक्षक मेडल के लिए भेजे जाने की बात कही है।
अपर पुलिस अधीक्षक मनोज ठाकुर ने बताया कि लक्सर कोतवाली क्षेत्र के झीवरहेड़ी गांव निवासी पवन का अपने भाई के साथ झगड़ा हो गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस पवन को कोतवाली ले आई थी। पवन के नशे में होने के चलते उसे कोतवाली में कुर्सी पर बैठाया गया था। हेड कांस्टेबल शूरवीर तोमर को उसकी निगरानी में लगाया गया था। जब हेड कांस्टेबल उसके लिए खाना लेने मेस चला गया तो इसी बीच पवन ने अपने अंडरवियर की इलास्टिक निकालकर यहां स्थित जाल में बांधकर गले में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। गर्दन में खींचाव के चलते उसकी हालत बिगड़ गई। जब हेड कांस्टेबल शूरवीर खाना लेकर वापस लौटा तो पवन की हालत देख उसने सूझबूझ का परिचय देते हुए उसके गले से फंदा निकाला तथा मामले से कोतवाला अमरचंद शर्मा को अवगत कराया। पवन को अर्ध बेहोशी की हालत में पहले लक्सर चिकित्सालय ले जाया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए फिर उसे रुड़की अस्पताल ले जाया गया। यहां से भी चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत का हवाला देते हुए उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया। जहां 24 घंटे बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। सूचना पर उसके स्वजन भी मौके पर मौजूद रहे। कोतवाल अमरचंद शर्मा बताया कि हेड कांस्टेबल शूरवीर तोमर की सूझबूझ के चलते आरोपित पवन की जान बच सकी। मामला भले ही आपसी झगड़े का हो पुलिस कस्टडी में पवन की हालत बिगड़ने पर मामला संवेदनशील हो सकता था। अपर पुलिस अधीक्षक मनोज ठाकुर ने बताया कि एसएसपी हरिद्वार परमेंद्र डोभाल ने हेड कांस्टेबल शूरवीर की प्रशंसा की है। उन्होंने बताया कि आरोपित के स्वजन का कहना है कि पवन शराब के नशे में अक्सर झगड़ा करता रहता है।